प्रेम, विश्वास और समर्पण का पर्व
करवा चौथ का नाम सुनते ही हर भारतीय परिवार में उत्सव की उमंग जाग उठती है, क्योंकि यह सिर्फ एक पर्व नहीं बल्कि पति-पत्नी के अटूट बंधन, प्रेम, विश्वास व समर्पण का उत्सव है। आधुनिक युग में भी इसकी लोकप्रियता बढ़ती ही जा रही है, और आज यह त्योहार पारंपरिकता व आधुनिकता का सुंदर मिश्रण बन गया है।prabhatkhabar+1
करवा चौथ का धार्मिक, सांस्कृतिक और वैज्ञानिक महत्व
धार्मिक महत्व
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करवा चौथ का पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है, जिसमें सुहागिन महिलाएं सूर्योदय से चंद्रदर्शन तक निर्जल उपवास रखती हैं।jansatta+1
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यह व्रत सौभाग्य, सुख, और वैवाहिक जीवन में प्रेम व परस्पर विश्वास की कामना के साथ पत्नी द्वारा पति की लंबी उम्र हेतु मनाया जाता है।hindi.news18
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पौराणिक कथा के अनुसार वीरवती ने अपने पति को व्रत की शक्ति से मृत्यु से बचा लिया था, जिससे महिलाओं को श्रद्धा व धैर्य की प्रेरणा मिलती है।aajtak+1
वैज्ञानिक और सामाजिक पहलू
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करवा चौथ के व्रत में संयम, आत्मनियंत्रण और मानसिक शक्ति की परीक्षा होती है, जो मनोवैज्ञानिक संतुलन व स्वास्थ्य लाभ के लिए भी उपयोगी है।hindi.news18
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पूरे दिन उपवास रखने से शरीर का डिटॉक्स भी होता है।hindi.news18
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साथ ही, परिवार व समाज में उत्सव के माहौल से आपसी प्रेम व सहयोग की भावना को बल मिलता है।prabhatkhabar
करवा चौथ व्रत का शुभ मुहूर्त व विधि (2025)
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पूजा का शुभ मुहूर्त: शाम 05:57 बजे से रात 07:11 बजे तक।amarujala+1
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व्रत प्रारंभ: सुबह 06:19 बजे, व्रत पूर्ण: शाम 08:13 बजे।jansatta
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इस वर्ष करवा चौथ पर “सिद्धि योग”, “शिवावास योग” व अन्य श्रेष्ठ योग बन रहे हैं।jansatta
पूजा विधि
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ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान, फिर सरगी का सेवन कर व्रत का संकल्प लें।jansatta
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शाम को शिव-पार्वती, गणेश जी व चंद्रमा की पूजा विधिवत करें।jansatta
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पूजा स्थल को सजाएं, करवा में गेहूं, चावल, मिठाई व सिक्का रखें।jansatta
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सोलह श्रृंगार कर देवी की आराधना, पति की लंबी उम्र की कामना करें।aajtak+1
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चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत खोलें।aajtak
करवा चौथ की कथा (Karwa Chauth Story)
प्राचीन कथा के अनुसार एक बार वीरवती नामक महिला का पति गंभीर रूप से बीमार था। वीरवती ने श्रद्धा और विश्वास के साथ करवा चौथ का व्रत रखा, और उसका पति मृत अवस्था में पहुंच गया। लेकिन देवी-देवताओ की कृपा और व्रत की शक्ति से उसका पति पुनर्जीवित हुआ और तब से करवा चौथ व्रत महिलाओं के लिए सौभाग्य और प्रेम का प्रतीक बन गया।hindi.news18+1
करवा चौथ के रीति-रिवाज और आधुनिकता
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पारंपरिक रूप से महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं, अपने हाथों में मेहंदी व चूड़ियां, पैरों में पायल, माथे पर बिंदिया सजाती हैं।jansatta+1
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आधुनिक समय में सोशल मीडिया पर करवा चौथ की तस्वीरें, विशेज, शायरी और ग्रीटिंग्स शेयर करना एक प्रचलन बन गया है।indiatv+1
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पति भी अब पत्नी के साथ उपवास रखकर प्यार व सम्मान का इज़हार करने लगे हैं, जिससे दांपत्य संबंध और भी मजबूत होते हैं।aajtak
खूबसूरत शुभकामनाएं, संदेश और शायरी
करवा चौथ के मौके पर दिल से निकले खूबसूरत शब्द हर संबंध को और मीठा बना देते हैं:
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“माथे की बिंदिया चमकती रहे, हाथों में चूड़ियां खनकती रहें, पैरों की पायल खनकती रहे, पिया संग प्रेम बेला सजती रहे”।jansatta
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“करवा चौथ की रौनक है निराली, हर सुहागन की आंखों में चमक निराली। सात जन्मों का बंधन निभाने की कसम, ये दिन है प्रेम की सबसे प्यारी मिसाल”।indiatv
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“चांद की रोशनी ये पैगाम लाई, करवा चौथ पर सबके मन में खुशियां छाईं, सबसे पहले हमारी तरफ से आपको—करवा चौथ की ढेर सारी बधाई”।jansatta
FAQs: आपके सवाल, हमारे जवाब
Q: करवा चौथ किस तिथि को है?
A: वर्ष 2025 में करवा चौथ 10 अक्टूबर को मनाया जाएगा।jagran+2
Q: पूजा का शुभ मुहूर्त कब है?
A: शाम 05:57 बजे से रात 07:11 बजे तक है।amarujala+1
Q: क्या पति भी उपवास रख सकते हैं?
A: हां, कई जगहों पर पति भी पत्नी के साथ उपवास रखते हैं, जिससे संबंध में प्यार बढ़ता है।jansatta+1
Q: करवा चौथ की पौराणिक कथा क्या है?
A: वीरवती की कथा, जिसमें पत्नी ने व्रत की शक्ति से पति की मृत्यु को टाल दिया था।hindi.news18+1
सार: करवा चौथ—परंपरा, प्रेम व आधुनिकता का सुंदर संगम
करवा चौथ अपने-आप में सिर्फ एक पर्व नहीं, हजारों भावनाओं, रिश्तों और शुभकामनाओं का समुच्चय है। यह दिन पति-पत्नी के अटूट बंधन, संयम, विश्वास और समर्पण की एक खूबसूरत मिसाल है। परिवार एवं समाज में उत्सव, प्रेम, रीति-रिवाज और आधुनिकता का अद्भुत मिलन देखने को मिलता है।prabhatkhabar+2
2025 के इस खास अवसर पर दिल से यही कामना है कि हर सुहागन का सिंदूर सदा उज्जवल रहे, हर दांपत्य संबंध मजबूत रहे, और सबके जीवन में प्रेम व खुशियों की चांदनी हमेशा बरसती रहे।indiatv+2
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